5 Simple Techniques For matangi
5 Simple Techniques For matangi
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लौंग, लौंगा, लौंगा! बैर एक लौंग मेरी आती-पाती
यदि आप किसी भी गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैं और इसके लिए समाधान नहीं है तो यह हमारे विश्व के सबसे फोटो से तीव्र वशीकरण विशेषज्ञ से बात करने का समय है। उनके उपचार और उप चारों का उपयोग करके आप अपनी समस्या के लिए सर्वोत्तम परिणाम और समाधान प्राप्त कर सकते हैं। उन्हें वशीकरण विशेषज्ञ के रूप में पसंद किया जाता है और उन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फोटो से तीव्र वशीकरण के रूप में भी जाना जाता है
फोटो से वशीकरण के लिए आपको किसी बीज मंत्र की जरुरत नहीं है. आप सिर्फ फोटो को देखते हुए भी एकाग्र रहते हुए अभ्यास कर सकते है.
Vashikaran can be traced back to historic Indian texts, Primarily texts just like the Atharva Veda. These texts reference rituals and spells geared toward influencing Many others for various functions, which include love, success, and defense.
आकर्षण के लिए आप रुद्राक्ष को गले में धारण करते हुए इस मोबाइल में फोटो देखकर वशीकरण के प्रयोग को कर सकते है या फिर माला का प्रयोग कर सकते है.
just after getting bath every morning for 31 consecutive days, sit with a clean floor inside a here secluded place experiencing north-east and chant the mantra supplied underneath that has a rosary of Rudraksh.
अगर कोई आपकी बात नहीं मान रहा है तब उसकी एक फोटो ले और उसके पीछे दोनों का नाम लिखकर एक मोली से गोल बांध दे.
मंत्र check here का प्रयोग सम्भोग के उद्देश्य से करते समय आप यह सावधानी रखें की इससे किसी का अहित न हो और न ही किसी की भावनाएं आहत हो वरना आपका जीवन मुश्किल में पड़ सकता है
ये mahakal एक महा मोहिनी वशीकरण मंत्र साधना है जो स्वयं भगवान श्री विष्णु के मोहिनी अवतार से जुडी है.
आप फोटो को देखते हुए विचार और मंत्र को बार बार दोहराते है check here जो किसी भी माध्यम तक आपके इमोशन और विचार को ट्रान्सफर करने में मदद करते है.
ऐसा करने के बाद उस फोटो को अपने तकिये के निचे रखे और सो जाए.
इस सम्भोग वशीकरण मंत्र की साधना करते click here समय मांस मदिरा के सेवन से बचें तथा उस व्यक्ति की फोटो हमेशा साथ रखें जिसे आप वश में करना चाहते हैं
॥ॐ नमो महाशाबरी शक्ति मम अरिष्टं निवारय मम कार्य सिद्धं कुरु कुरु स्वाहाः॥
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय त्रिलोचनाय त्रिपुर वाहनाय अमुक मम वश्य कुरु कुरु स्वाहा